ख्याल और शरीयत हूं ,नासमझी न करना तुम,जाम भूलकर ही लेती। खाट बदलने की सोची तो अपनों की नजदीकियां भी झाडूं अंजाम देती।। #ख्वाब हो तुम या #हकीकत हो कोई, #समझदारी से तुम थोड़ा क्यू काम नहीं लेती.? #करवट बदल कर देख ली मैंने, #सपनों की भी घटने का क्यू नाम नहीं लेती.! #yqanjaanshayar