कोई पूछता है क्या मोहब्बत फिर हो सकती है कोई पूछता है क्या इश्क की इबादत फिर हो सकती है पिछली बेवफाई या पिछले सितम भूलेंगे क्या नयी रोनके जूनून और शिद्दत हो सकती है क्या फिर से दिल मै वो इश्क़ े इज़्ज़त हो सकती है नयी तरह से दिल को धड़कने की हिम्मत हो सकती है दौर ए दर्द और तन्हाई तो नहीं लौटेगी मुझमे क्या फिर से ज़िन्दगी मे नयी क़ुरबत हो सकती है अगर सारिम तुमने वफ़ा को निभाया था अहतराम से करम से रब के इश्क़ की बारिश फिर हो सकती है ©Mohammad sarim #Ishq❤ #mohabbat #qurbat # #ulfat #feellove