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White न जानें जिंदगी क्या करा रही है, शांत सी महफ़

White न जानें जिंदगी क्या करा रही है,
शांत सी महफ़िल में, फिर शोर मचा रही है,
सुलझ रहा था धीरे धीरे, ये फिर उलझा रही है,
मेरी राह, मेरी मंजिल, मेरा ठिकाना कहा है,
मैं जाता हूं कही, मुझे जाना कहा है,
कान्हा, थोड़ा मैं दूर तुमसे हो सा जाता हूं
कभी कभी लगता है, मैं कही खो सा जाता हूं,
जब कभी अधिक व्यस्त यहां, मैं हो सा जाता हूं।
मुझे याद है कान्हा,
मेरे अकेलेपन में, केवल साथ तेरा था,
गिरा मैं जब भी, मुझे उठाने के लिए केवल हाथ तेरा था,
जिंदगी का अर्थ जब समझ न आया, उस वक्त भी मुझे समझाने के लिए गीता का सार तेरा था,
थैंक यू है कान्हा, मुझे अपना प्यार देने के लिए,
जिंदगी के हर मोड़ पे मेरा साथ देने के लिए,
अकेला हूं, मैं बिन तेरे, ये बात जान लेना,
रखना सदा शरण में, बस एक ये, बात मान लेना,
कान्हा, बस एक ये बात मान लेना।।

©Nidhi Sharma
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Nidhi Sharma

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