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Tears and Smile अफसोस क्या करुँ उसकी , जो पल समय

Tears and Smile  अफसोस क्या करुँ उसकी ,
जो पल समय के साथ गुज़र  गए ।
मल्हम कैसे लगाऊँ उसको ,
जो निशान पूराने जख़्म छोड़ गए ।
हम तो बस उस लौ को ठंडा करना चाहते थे ,
जिसे लोगों ने जलते देखा तो उससे दूर हो गये ।

वापस समेटूं कैसे उन खारे पानी के बूँदों को,
जो कुछ पल पहले ही अश्क़ बनकर आँखों से बह गए।
दस्तक क्या दूँ उस खामोश से महल के दरवाज़े को,
जिसके दिवार सूनेपन में खंडहर से हो गए ।
हम तो बस सच के रास्ते चले थे ,
ना जाने क्यूँ हम दुनिया के नज़र में बुरे बन गए ।

ठीक है हमे शिकायत नहीं किसी से,
क्योंकि इन्हीं सब की वजह से हम अकेले चलना सीख गये।
खुद मुस्काना  सीखते सीखते ,
हम अपनो  के मुस्कान की वजह बन गए । #learnt smiling in all situations
Tears and Smile  अफसोस क्या करुँ उसकी ,
जो पल समय के साथ गुज़र  गए ।
मल्हम कैसे लगाऊँ उसको ,
जो निशान पूराने जख़्म छोड़ गए ।
हम तो बस उस लौ को ठंडा करना चाहते थे ,
जिसे लोगों ने जलते देखा तो उससे दूर हो गये ।

वापस समेटूं कैसे उन खारे पानी के बूँदों को,
जो कुछ पल पहले ही अश्क़ बनकर आँखों से बह गए।
दस्तक क्या दूँ उस खामोश से महल के दरवाज़े को,
जिसके दिवार सूनेपन में खंडहर से हो गए ।
हम तो बस सच के रास्ते चले थे ,
ना जाने क्यूँ हम दुनिया के नज़र में बुरे बन गए ।

ठीक है हमे शिकायत नहीं किसी से,
क्योंकि इन्हीं सब की वजह से हम अकेले चलना सीख गये।
खुद मुस्काना  सीखते सीखते ,
हम अपनो  के मुस्कान की वजह बन गए । #learnt smiling in all situations