विश्वविद्यालय है यह भूख और महाविनाश का तीर्थयात्रा मानव की, एक लम्बा जुलूस । भूख के निशान भटकते फिरते हैं पृथ्वी पर हरा पेड़ झूल गया है अन्तहीन विस्मृति की ओर जीवन के मैदान उतराते हैं और डूब जाते हैं मवाद में