ना समझी में हम भी...... ये किसको गले लगा बैठे। जो अपनों का ना हुआ कभी...... हम उसको दोस्त बना बैठे।। ✍️"Viswa Sachan"✍️ #Friendship_jhuthi_ कवयित्री सुनीता प्रजापत दिनेश गिरी Priya B. Nikalje