"बीज" अब काट क्यों रहा है चल आग धर दे इनमें ये इस कदर उदासी अपनी ही गलतियाँ हैं। थे बीज कब ही डाले फूलों के, खुश्बुओं के अब आयी हैं जो ऊपर तेरी बेवकूफ़ियां हैं। राख कर दे इनको और खाद में बदल दे तू ज़ात आदमी है लाज़िम सी गलतियाँ हैं। सीख वाले बीज कुछ डाल, सींच उनको फूल फिर खिलेंगे तैयार तितलियां हैं। बन जा मिसाल सबकी मुश्किल में ढूंढ मौका हैं सामने जज़ीरे और उनपे किश्तियां हैं। एक मोड़ है ज़रूरी और तेज़ धक्का, पक्का सुन कामयाबी तुझको ये याद कर रही है सिसकियों में तुझको आती जो हिचकियां हैं। #Naveen Mahajan #Silence बीज