तुमसे मिल कर तुमसे कुछ बात करनी है, पर उस बात से पहले तुमसे ना कोई बात करनी है। (कविता अनुशिर्षक में पढ़ें) तुमसे मिल कर तुमसे कुछ बात करनी है, पर उस बात से पहले तुमसे ना कोई बात करनी है। वजह कुछ नहीं है बस एक तेरा ख्याल जानना है, जिसका जवाब है पास मेरे मुझे वो सवाल जानना है। दूरी तो नहीं थी दरमियान फिर ये दरार क्यों आई है, महक तेरी मुझतक होकर यूं बेज़ार क्यों आई है। सांझ होते ही जैसे शमां जलती जाती है, क्या वैसे ही कमी मेरी तुमको भी खलती जाती है।