::केशव वन्दन:: जीवन तुमको सौंप दिया है हे केशव कृष्ण मुरारी। थामे रखना प्रभु प्रीति डोर मन में जो बसती हमारी।। न कोई और सहारा हमारा तुम ही मन को भाये। प्रणाम उन्हें जो नंगे पैर निज मित्र हेतु थे धाये।। छोड़ गरुण आसन जैसे ही चक्र सुदर्शन चलाया। दुखित थकित गजराज को हरि ने ग्राह पाश से बचाया।। फंसा हुआ है मोह माया में तव सेवक अवधेश। गज जैसे ही बचाएँ मुझे हे बंसीधर गोपेश।। #krishna #shrikrishna #kanha #कृष्णमेरे #कृष्ण #100thquote #poetry ::केशव वन्दन:: जीवन तुमको सौंप दिया है हे केशव कृष्ण मुरारी। थामे रखना प्रभु प्रीति डोर मन में जो बसती हमारी।। न कोई और सहारा हमारा