Nojoto: Largest Storytelling Platform

प्रखर हो ज्ञानमंडल अब, यही है भावना मेरी । हरो अज

प्रखर हो ज्ञानमंडल अब, यही है भावना मेरी । 
हरो अज्ञानता उर से,  सुकोमल साधना मेरी । 
नमन स्वीकार लो माँ शारदे विनती तनय की यह-
करो हर लेखनी स्वर्णिम, यही है प्रार्थना मेरी । 
 ✍️ अरविन्द त्रिवेदी
       उन्नाव उ० प्र०

©अरविन्द त्रिवेदी 
  #बसंतपंचमी #जयमाँसरस्वती