मुझ में जो रावण है न वो गुस्सा करवा देता है, अक्सर अपनो का दिल दुखा वो देता है, मुझे में जो रावण है न वो ईर्षा ला देता है, अक्सर दूसरों की तरकी से मुझे छोटा महसूस करा देता है, मुझे में जो रावण है न वो मुझे ऊपर रहने की सलाह देता है, अक्सर मेरे बड़ों के सामने भी मुझे अकड़ दिला देता है, मुझमें जो रावण है न वो गलतियों से सीखने के जगह उन्हें दोहरा देता है... अक्सर मुझे ना इस वजह से सही राह से भटका देता है... अनंत खुशियों को जीवन में पाने के लिए इन सब रावण का अंत जरूरी है... भले अब तक शायद मंजिल अधूरी है... पर मेरी इसमें कोशिश पूरी है... मुझ में जो रावण है... #mywritingmywords #happydushera