कितना अजीब है ना.. तब... वो गंभीर चेहरा तनी भौहें गहरी भूरी आँखें शून्य में तकती-सीं उलझे-से बाल बड़ी-बड़ी मूछें भारी-भरकम दाढ़ी मुझे भयभीत करती-सी लेकिन... अब.... वो स्थिर चेहरा मुझे देखता-सा बेतरतीब बाल तनी भौहें गहरी भूरी आँखें मुझमें उतरती-सी लम्बी मूँछें घनी दाढ़ी मुझे अपनी ओर खींचती-सी.. कितना अजीब है ना...😊 मुनेश शर्मा (मेरी✍️)🌈 Chapter ...1 😊