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जहाँ की मस्तियां, रंगीनियां और मस्त नज़ारे अमानत ह

जहाँ की मस्तियां, रंगीनियां और मस्त नज़ारे
अमानत हैं संसार की खुशियां और ग़म सारे
मौत भी मरने तक ही निभाती है 'शौक' बस
ख़ुशियां कभी दुख में मिलीं, 
क्यों रब को बिसारे?!

©Shiv Narayan Saxena
  #Aurora ख़ुशियां कभी दुख में मिलीं. . . . .

#Aurora ख़ुशियां कभी दुख में मिलीं. . . . .

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