जिस्मों से लहू बहा पर उसकी रवानगी वही रही टूटे बिखरे इन पत्थरों में पर सीने में मर्दानगी वही रही; क्या कहूँ तुझे ऐ मिट्टी मेरे हिन्दुस्तान की... मौत सामने आई और तेरे लिए जान देने की दीवानगी वही रही. -:Krishna Mishra ऐ मेरे हिन्दुस्तान....🇮🇳 Dedicated to all the Warriors.🙌👮🔱🎯⚔️🚢✈️ #poetMKrishna