White कैसा हो जो देख लो हर एक ख्वाब को, और जब जाग कर देखो निगाह ना हो। बहुत कुछ हो करने जैसा जिंदगी में, मगर बहुत कुछ की वजह ना हो। हर शक्श करता जाए गुनाह पर गुनाह, मुलाजिम को यहां कोई सजा ना हो। सब कुछ हो रहा हो बस तुम्हारी हांमी से, पर इस हांमी में भी कोई रजा ना हो। सब कहते हैं हर ठिकाने पर है घर अपना, जिसे ठिकाना कह सकें अपना कोई जगह ना हो। याद रखो मुकद्दर में होंगी ऐसी भी खुशी, जो मुस्कुराहट दें मगर जिनमें मज़ा ना हो। ©Lamha #Sad_shayri जो भी करो दिल की सुनकर करो!!