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बेख्याली इस कदर के ख्याल आया नहीं, तुम जो आए सामने

बेख्याली इस कदर के ख्याल आया नहीं,
तुम जो आए सामने फिर सवाल आया नहीं।

कितनी रातें गुजार दी मैंने बस इंतजार में,
जिंदगी फिर कभी दौर ए विसाल आया नहीं।

इश्क़ के नील बदन पर पडते रहे मिटते रहे,
जख्म हुए दिल पर मगर आखों से आल आया नहीं।

कोशिशें हुई कितनी के छिपा ले दर्द को अपने,
कम्बख्त अबके साल फिर सावन आया नहीं।

तुफानों ने कहर ढाए बहुत जहां मे बेशक़
मेरे दिल में जो आया वो बेमिसाल आया नहीं। #bekhyali #बेख्याली #tourdelhi
#ghazalkar #ghazal #mohabbat #shayari #shayar
बेख्याली इस कदर के ख्याल आया नहीं,
तुम जो आए सामने फिर सवाल आया नहीं।

कितनी रातें गुजार दी मैंने बस इंतजार में,
जिंदगी फिर कभी दौर ए विसाल आया नहीं।

इश्क़ के नील बदन पर पडते रहे मिटते रहे,
जख्म हुए दिल पर मगर आखों से आल आया नहीं।

कोशिशें हुई कितनी के छिपा ले दर्द को अपने,
कम्बख्त अबके साल फिर सावन आया नहीं।

तुफानों ने कहर ढाए बहुत जहां मे बेशक़
मेरे दिल में जो आया वो बेमिसाल आया नहीं। #bekhyali #बेख्याली #tourdelhi
#ghazalkar #ghazal #mohabbat #shayari #shayar