हर मुश्किल में हमेशा तूने मेरा साथ निभाया है, हर पल हर हाल में तूने मेरा हौसला बढ़ाया है। जब कभी भी जिंदगी में ठोकरें लगी है मुझको, तूने ही हमेशा हाथ बढ़ाकर उठाया समझाया है। मेरे लिए तूने अपना चैन-ओ-सुकून गंवाया है, सोने ना देती रातों को भी मैंने तुझे जगाया है। मेरी ख्वाहिशों को अपनी ख्वाहिशें बनाया है, बिना किसी शिकायत के सदा प्यार लुटाया है। मांँ जीवन में मैं तेरा साथ कभी भी ना छोडूंँगी, घबराना मत माँ, मैं हूंँ ना तेरा साथ हमेशा दूंँगी। जीवन के हर सुख दु:ख में तू ही मेरे संग रही, साया बन कर रहूंँगी तेरा मैं भी तेरे जीवन भर। ममता की छांँव में ही सुलाया है हमको हरदम, अब मेरी बारी है हमेशा प्यार से तुझको रखूंँगी। सबसे ज्यादा तूने मुझ पर ही तो प्यार लुटाया है, बेटी हूंँ तुम्हारी पर अब मांँ बन कर दिखाऊँगी। बेटा नहीं हूँ मैं तो क्या हुआ बेटे से बढ़कर हूंँ, बेटी बनकर ही मुझे बेटी का फर्ज निभाना है। मांँ, मैं हूंँ ना तेरे बुढ़ापे का सहारा बन कर रहूंँगी, दुनियाँ चाहे कुछ भी कहे हमेशा तेरे साथ रहूंँगी। -"Ek Soch" Any writer can write about *"माँ मैं हूँ ना"* *RULES*📜- 1. The word given above must come atleast once in your write-up. *Poem should be in maximum 20lines/200 words,*