जीना चाहते हो! तो हर पल मरते क्यूँ हो? खुद के सपनो का कत्लॆ आम करते क्युँ हो! वक़्त रहते साँसे फ़ूँक दो इन सपनो में, युँ आँखो पर भ्रम की चादर डालकर, अन्त में खुद से सवाल करते क्युँ हो? सपनो ने तो हमेशा कोशिश की आंखे खोलने की तुम्हारी, तुम इतनी सुकुन की नीन्द सोते क्युँ हो! ©अरुणकुमार मिश्रा #Arunkumarmishrapoetry #MotivationalPoetry #motivationalquotes