मुकमल मोहब्बत पाकर भी एक तरफा मोहब्बत का सबक सिखा है हमने तो एक दूसरे को अपनाया पर हमारे समाज ने नही हम एक दूसरे के हो गए पर हमारी जात नहीं क्यू जिसकी जात मिलती उसकी मोहब्बत पवित्र और जिसकी नहीं उसकी कलंक तड़पते रहेंगे जिन्दगी भर शायद बेवफाई का सिक्कवा भी न कर सकेंगे हम हमारा महबूब जो वफादार रहा ik ही सिकवा खाएगा उम्र भर सच्चा प्यार मिला सच्चा साथी भी फिर भी ये जन्म जात के चक्कर में हमारा जीवन बर्बाद रहा ©कनिष्का #us #us