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हम कठपुतली हाथ के उसके, हाथ में उसके धागा है। जीव

हम कठपुतली हाथ के उसके, हाथ में उसके धागा है।
 जीवन का है मंच ये दुनिया, ऊपरवाला रखवाला है।
 कोई यहां है राजहंस तो कोई यहां पर कागा है।
 कोई मंच की शोभा बढ़ाता, मंच छोड़ कोई भागा है।
 किसी का उज्जवल भाग्य यहां, तो कोई यहां अभागा है
 सो रहा कोई गहरी नींद में, कोई कई पहर से जागा है।

 मिटने वाली दुनिया का एतबार क्यों करना?
ग़र ये दुनिया अद्भुत है तो भी प्यार क्यों करना?
 मासूमियत के नाम पर अनजान हकीकत से है।
 तुम प्यार कहते हो जिसको, ओ प्यार वसीयत से है।
 जब मिली है जिंदगी तो मौत भी कल आएगी।
 चेहरे की तेरी रंगत, संग में ले वो जाएगी।
 अभिमान है व्यर्थ तेरा, स्वार्थ का कसूर है।
 जीत ग़र ली दुनिया भी, मरना तो जरूर है।
 जिसने हरि की भक्ति,  नहीं करी है फुर्सत में।
 समा तक नहीं जलते आज उनकी तुरबत में।
 लगती है सभा जग मे , जिनकी शानो शौकत मे।
 क्यों नहीं उपकार करते वे कभी भी फोकट में? 
 नजर उठा के देखो, कहीं पे कोई प्यासा है।
 आने वाला कल का सूरज।, देता उसे दिलासा है।
ये जगत है मंच, तू यहाँ का जोकर है 
जहा का  है एक मालिक,  हम तो उनके नौकर है।
 अदना हो या आला हो सबको लौट जाना है।
 जी रहा जो शख्स उसका, कब्र ही ठिकाना है।
 तेरे अपने ही तुझको वक्त का चलन देंगे।
 छीन के तेरी दौलत दो ही गज कफन देंगे।
 कहते जिनको अपना हो, और जो तेरे साथी है।
 कब्र है तेरी मंजिल, ये सभी बाराती हैं।
 कहीं छुपी है आशा, तो कहीं निराशा है।
 सदियों से ही चल रहा, इस मंच का तमाशा है। #कठपुतली #लाइफ #डेथ #peace #हैप्पीनेस #myvoice #पोएम #कोट्स  Dodiya Chirag Bajarng gurjar poorvi Ghulam Nabi himani panchal
हम कठपुतली हाथ के उसके, हाथ में उसके धागा है।
 जीवन का है मंच ये दुनिया, ऊपरवाला रखवाला है।
 कोई यहां है राजहंस तो कोई यहां पर कागा है।
 कोई मंच की शोभा बढ़ाता, मंच छोड़ कोई भागा है।
 किसी का उज्जवल भाग्य यहां, तो कोई यहां अभागा है
 सो रहा कोई गहरी नींद में, कोई कई पहर से जागा है।

 मिटने वाली दुनिया का एतबार क्यों करना?
ग़र ये दुनिया अद्भुत है तो भी प्यार क्यों करना?
 मासूमियत के नाम पर अनजान हकीकत से है।
 तुम प्यार कहते हो जिसको, ओ प्यार वसीयत से है।
 जब मिली है जिंदगी तो मौत भी कल आएगी।
 चेहरे की तेरी रंगत, संग में ले वो जाएगी।
 अभिमान है व्यर्थ तेरा, स्वार्थ का कसूर है।
 जीत ग़र ली दुनिया भी, मरना तो जरूर है।
 जिसने हरि की भक्ति,  नहीं करी है फुर्सत में।
 समा तक नहीं जलते आज उनकी तुरबत में।
 लगती है सभा जग मे , जिनकी शानो शौकत मे।
 क्यों नहीं उपकार करते वे कभी भी फोकट में? 
 नजर उठा के देखो, कहीं पे कोई प्यासा है।
 आने वाला कल का सूरज।, देता उसे दिलासा है।
ये जगत है मंच, तू यहाँ का जोकर है 
जहा का  है एक मालिक,  हम तो उनके नौकर है।
 अदना हो या आला हो सबको लौट जाना है।
 जी रहा जो शख्स उसका, कब्र ही ठिकाना है।
 तेरे अपने ही तुझको वक्त का चलन देंगे।
 छीन के तेरी दौलत दो ही गज कफन देंगे।
 कहते जिनको अपना हो, और जो तेरे साथी है।
 कब्र है तेरी मंजिल, ये सभी बाराती हैं।
 कहीं छुपी है आशा, तो कहीं निराशा है।
 सदियों से ही चल रहा, इस मंच का तमाशा है। #कठपुतली #लाइफ #डेथ #peace #हैप्पीनेस #myvoice #पोएम #कोट्स  Dodiya Chirag Bajarng gurjar poorvi Ghulam Nabi himani panchal