Nojoto: Largest Storytelling Platform

हम श्री राम के आने कि आस लगाए बैठे हैं ना जाने क्य

हम श्री राम के आने कि आस लगाए बैठे हैं
ना जाने क्यों विपक्ष हमसे खार खाए बैठे हैं

ये मतलबपरस्त को नहीं 'श्रीराम' से वास्ता
इन्हें तो सत्ता तक पहुँचने का चाहिए रास्ता

जो गलती बाबर ने की ये फिर वही दोहराए हैं 
किसी एक की चाहत में लगता है कि बौराए हैं

प्रभु श्रीराम जी अपने हैं जन -जन के सपने हैं
लगता है "जनप्रकोप" से इन्हें फिर से नपने हैं

©अनुषी का पिटारा "अंग प्रदेश "
  #ramsita #So_Sorry