अहिंसा का सामान्य अर्थ हिंसा ना करना परंतु व्यापक अर्थ में मन वचन और कर्म से किसी प्राणी को सिटी ना पहुंचाना अहिंसा है गांधी को अहिंसा का सही अर्थ स्वीकार्यता इनके अनुसार अहिंसा जीवन की साधना है और प्रेम उसकी पूर्णता का साधना अहिंसा का प्रतिफल संवेदन प्रेम से होता है क्यों त्याग के बिना संभव नहीं है इसलिए अहिंसा सदैव त्याग की अपेक्षा रखती है अहिंसा को प्रेम का प्रयास भी कहा जा सकता है इसके विपरीत अहिंसा का अर्थ ग्रहण के पराकाष्ठा है इसलिए इंसान जहां जीवन का आधार है वही इंसाफ विनाश का द्वार है गांधीजी के लिए सत्य ईश्वर का रूप है था किंतु हिंसा कहीं उस से बढ़कर थी क्योंकि सत्य की प्रतीक्षा के बिना संभव नहीं इसी प्रकार उनके ब्रह्मचारी अस्तेय अपरिग्रह आदि मुद्दों की सिद्धि के मूल में भी अहिंसा अहिंसा के विलक्षण प्रभाव को देखकर ही का जीजी ने इसी अदा आजादी के प्रति अस्त्र बना लिया था अहिंसा से प्राप्त आजादी उन्हें स्वीकार नहीं थी इसलिए अहिंसा का भाव उनके आंदोलन में सर्वोपरि है ©Ek villain #अहिंसा का सामान्य अर्थ है हिंसा ना करना #gandhijayanti