Nojoto: Largest Storytelling Platform

समझ नहीं आता क्या लिखूं, नम होती आंखों की जज्वात ल

समझ नहीं आता क्या लिखूं,
नम होती आंखों की जज्वात लिखूं या,
गुजरती है तेरी यादों में दिन रात 
वो एहसास लिखूं,,
गुजरी थी जो खुशी के दो चार
 पल साथ वो कायनात लिखूं,,
तू ही बता तेरा नाम लिखूं या,
तुम्हारे नाम प्यार का पैग़ाम लिखूं।।
या तुमने को किया ज़िन्दगी अपनी मेरे
नाम वो एहसान लिखूं,
समझ नहीं आता क्या लिखूं।। बस यादें रह गई बाकी।।
समझ नहीं आता क्या लिखूं,
नम होती आंखों की जज्वात लिखूं या,
गुजरती है तेरी यादों में दिन रात 
वो एहसास लिखूं,,
गुजरी थी जो खुशी के दो चार
 पल साथ वो कायनात लिखूं,,
तू ही बता तेरा नाम लिखूं या,
तुम्हारे नाम प्यार का पैग़ाम लिखूं।।
या तुमने को किया ज़िन्दगी अपनी मेरे
नाम वो एहसान लिखूं,
समझ नहीं आता क्या लिखूं।। बस यादें रह गई बाकी।।
ns7989875426832

N&S......@

New Creator

बस यादें रह गई बाकी।।