इक ख़्वाब की ख़ुशबू में मिलते हो तुम आज भी, धड़कन कहती है, मुझमें रहते हो तुम आज भी।। यादें करती सरगोशियाँ, मैं झटक दिया करती हूँ, हँसी कहती हैं, मुझमें मुस्काते हो तुम आज भी।। दर्द मिला बहुत, फ़िर भी लगे मिला सब उसी से, ज़िन्दगी कहती है, मुझमें ज़िंदा हो तुम आज भी।। #napowrimo का 18वाँ दिन है बल्कि कहें 18वीं रात और उस ख़्वाब की ख़ुशबू है, जिसमें हम जीते हैं। #ख़्वाबकीख़ुशबू #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat