एक अधूरी सी कहानी थी ... हुई मोहब्बत ही मोहब्बत की दीवानी थी एक और इजहारे इश्क की ही रवानगी थी दूसरी और खता जताने की मेहरबानी थी समेट ना पाए उन चंद लम्हों को..... यहां गुनाहे इश्क़ की हर नज़्म अनजानी थी गुफ्तगू हुई हर किरदार के साथ..... पर मोहब्बत ना हुई मोहब्बत से बेगानी भी कैसा है यह रिश्ता अंजाना सा...... ताल आज भी उन्हीं सुरों की दीवानी सी हुई मोहब्बत ही मोहब्बत की दीवानी थी। love one sided