दोस्ती-यारी के वो क्या दिन थे, उन दिनों हुम् प्रेम दीवाने हो गए साथ रहकर भी अब बिछड़ने की बात करनी है, बिछड़ने में क्या तुम्हें इतनी आसानी हो गयी दिल की गहराई में तुम उतर चुके थे, न जाने कब तुम अनजानी हो गयी तुमहारे दिये वो ख़त, वो यादें, वो तस्वीरें सब संभाल रखे है, अब वही सारी चीजें आखिरी निशानी हो गयी।☺️☺️☺️ #ByeByeUniversityDays #LevelUp #SJL ©Sujal ki Mehfil #university memories #lostinthoughts