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देखता हूँ खुले आसमान को ताकि कोई नजारा मिल जाये ब

देखता हूँ खुले आसमान को 
ताकि कोई नजारा मिल जाये
बैठा हूँ उस कश्ती मे 
शायद कोई किनारा मिल जाये

अनुराग वर्मा  गोलू कोई किनारा मिल जाये Aisha Pratap Singh
देखता हूँ खुले आसमान को 
ताकि कोई नजारा मिल जाये
बैठा हूँ उस कश्ती मे 
शायद कोई किनारा मिल जाये

अनुराग वर्मा  गोलू कोई किनारा मिल जाये Aisha Pratap Singh