मेरा और तुम्हारा बंधन मरने के भी वाद रहे ! अपने होने का अपनापन जो जाने के वाद रहे ! जी पाएंगे क्या हम और तुम जो सदियों तक आबाद रहे ! 💕👨 शुभ संध्या जी ☕☕🍨🍨💕🍫🍫🍉🍧🍧☘🌱🍧🍧🍦🙏 : गुलशन में फूल खिले बहुतेरे कुछ कलियों के साथ जुड़े कुछ पर भँवरों के हैं डेरे मैं माली बनकर रह बैठा मौज ले रहा बाग़ अकेले !