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कितना मुश्किल है मेरा तुझ जैसा होना मै प्रेम की श

कितना मुश्किल है मेरा तुझ जैसा होना 
मै प्रेम की शीतल धारा 
                             और तुम निर्मोह का झरना 
मै चंचल झोको सी 
                         तुम कपट का चादर ओढ़े 
मै छल से दूर रही 
                       तुम लिप्त हो सब पापो में 
कितना मुश्किल है मेरा तुझ जैसा होना 
मेरे मन के भीतर है प्रेम बसा 
                       तुम हर रूप में मुझको पा सकते हो 
ढूंढ ले मुझ में माँ अगर 
                             तो मै आँचल में तुझे छुपा लू 
खोज प्रेमिका मुझमे तू  
                            दर्द का एहसास भी ना होने दूंगी 
कितना मुश्किल है मेरा तुझ जैसा होना 
तू सखा कहे या मित्र 
                          रक्षा का डोर हूँ तु बांधे ना बांधे  
दुआ में हाथ सदा मेरे 
                        रहते है ईश्वर के सन्मुख खड़े

©AARTI Xyz
  अनुभूति
aartixyz5967

AARTI Xyz

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अनुभूति #Poetry

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