White धूप ताप बढ़ने लगे, समय - समय की बात। सब अलावा ठंडे पड़े, ज्यौं घमंड घट जात।। धूप ताप बढ़ने लगे, नये सृजन के 'शौक'। दुर्दिन आलस के लदे, ख़त्म शीत का खौफ।। ©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status ख़त्म शीत का खौफ . . . poetry in hindi