कुछ अल्फ़ाज़:- "बड़ा संभल के चलने लगे हो, क्या,खूब तन्हा रहने लगे हो? जो फसाने लिखे थे, क्या वो दस्तूर भूलने लगे हो? वक़्त गुनगुनाता था जो तराना, वो भूली बिसरी यादों की धूल, समझ कर लम्हो को छाड़ चुके हो, बड़े चुप रहने लगे हो, क्या गुज़रे हुए कल को भूल चुके हो," ©ALFAZ DIL SE #DrDanQuote #HappyFriendShipDayAlone #NationalSimplicityDay