मुसिबतों से बिखरना नहीं निखरना हैं तुझे। आये जितनी भी मुश्किलें इनसे लड़ते तुझे अपनी राह पर चलना हैं।। ढलते सूरज के साथ तुझे रुकना नहीं हैं। बस निकल जाना अपनी राह पर उगते सूरज के साथ तु भी निखरेगा ही।। तकियानुसी बातों की न पहनना तू बेडियां। बस निकल जाना अपनी राह पर तेरे जुनून के तापमान से खाक होगी ये बेडियां।। रास्ते मे आये जितने भी पत्थर उनसे गिरकर तू रुकना नहीं। बस उठकर निकल जाना अपनी राह पर बिना पत्थर के रास्ते तुझे मिलेंगे जरूर।। #Make#your#own#path