तेरे होठों की तलब ---------------------- मय मीना ना शराब का सुरूर बाक़ी है बस तलब तेरे होठों की हुजूर बाक़ी है गुलाब से भी कोमल शहद से भी मीठी मेरे लबों पर तेरी जाना छुअन बाक़ी है तेरे होठों की तलब ---------------------- मय मीना ना शराब का सुरूर बाक़ी है बस तलब तेरे होठों की हुजूर बाक़ी है गुलाब से भी कोमल शहद से भी मीठी मेरे लबों पर तेरी जाना छुअन बाक़ी है ©दिव्यांशु पाठक -----------------------------