"हालंकी रंगों से कोई भेद/भाव नही पर भाव से पूर्णतः विभोर हूं" always🌸smile (अनुशीर्षक पढ़े)....✍️🕊️🖤 ©🇮🇳always_smile11_15 (अनुशीर्षक पढ़े)....✍️🕊️🖤 "हालंकी रंगों से कोई भेद/भाव नही पर भाव से पूर्णतः विभोर हूं" प्रिय सादगी......◉‿◉ मेरी सुंदरता बढ़ती है और जब तुम मुझमें और निखरने लगती हो, मुझे रंगो से फर्क तब पड़ता, जब तुम मुझमें सवाले रंग में मजूद नही होती। परंतु तुम मुझे गौरी से ज्यादा प्यारी लगती हो, इसमें शामिल मेरी कोई ईर्ष्या या गोरे रंग से कोई भी भेद भाव नही परंतु तुम मुझमें जैसी भी हो बहुत प्रिय लगती हो, वैसा कहा जाए तो प्रकृति द्वारा संचालित इस संसार में मुझे हर रंग मिले हैं। जिनमें एक रंग मेरी सफेद मुस्कान का भी है, जब बादल सर पे हो, तब मेरी मुस्कान मुझे उजला होने का संकेत देती है। जब मुझ पे मेरे गुण अपनी प्रक्रिया छीन भिन्न करने लगती है, तो वो मुझ में गुस्से जैसे लाल रंग छोड़ जाती है।