किसी जाम की जरूरत,किसे अब यहाँ है जिसका उतरता नहीं नशा हो,वो नाम बने हुए हो जब करते हैं बातें ख़ुद से,तब होता है जिक्र तुम्हारा जिस रात की ना सुबह हो,वो शाम बने हुए हो... © abhishek trehan मैं "आपकी सहेली" इस परिवार में आपका स्वागत करती हूँ १. बिखेर सुंदर शब्दों के मोती अपनी क़लम से और Collab करने के लिए अपने मित्रों को भी आमंत्रित करें #collab २. अपनी सुंदर रचना को कम से कम शब्दों में लिखने की कोशिश करें..