तुम्हें क्या ख़बर तुम्हारे जाने के बाद क्या हुआ आग लग गई जिंदगी में हर तरफ आया तो बस धुआं धुआं घर टूट गया बिखर गया परिवार सर छुपाने की छत भी नहीं थे ना अपना था कोई दरों दीवार तब कहां थे तुम जब हम दर दर की ठोकरें खा रहे थे अभी तो चलना भी नहीं शुरू नहीं किया था मैंने और कंधों पर जिम्मेदारी आ गए थे उस बुरे वक्त में कोई साथ नहीं था मैं ख़ुद के दम पर यहां तक आया मैंने जिंदगी को बेहतर बनाया और तुम अब आए हो जब सब ठीक हो गया सुनो अब मुझे फ़र्क नहीं पड़ता तुम्हारे होने या ना होने से हां मगर फ़िर भी तुम्हारा होना जरूरी सा है जानें क्यूं ©Nikhil kumar #Untold_Words #sad_life