मैं तन्हां हुं तो किया कमजोर पड़जाऊंगा। अरे शहराओं में भी हुड़दंग मचाऊंगा। बिखर कर खुदको समेटने कि हुनर रखता हूं। समंदर से मोतियां निकाल लाऊंगा। जिसने मेरी सराफत का उड़ाया है मजाक। मैं उसको अपनी जीत कि हार पहनाऊंगा। मुझको जो जख्म दिया है दुनिया ने मरहम कि बदल मैं अपनी जख्म पे नमक लगाऊंगा। ©محمد شاداب جسیمی Kth MJ #kthmj #leaf