कलम ही है ताकद मेरी, कलम ही है, इज्जत, कलम से ही पहचान मेरी, कलम मेरी आदत... कलम ही मेरी भूख है, कलम ही मेरी प्यास, कलम से है जिंदगी, कलम से ही सांस... कलम ही रुलाती है, कलम ही है हसाती, कलम ही है जो मेरे सारे, दुःख दर्द जताती.. - शुभम दिपक कांबळे #कलमसे