तू जुदा है पर जुदा थोड़ी है ज़िस्म से रूह जुदा थोड़ी है तेरा ही नाम लिखा है दिल पर मेरे दिल में कोई और थोड़ी है अपनी मोहब्बत पत्थर की लकीर है धूल पर लिखा कोई पैगाम थोड़ी है तू हिज़्र की फिक्र ना कर ये जीते जी का मसला है हम फिर से मिलेंगे महसर में ज़िन्दगी के बाद हिज़्र थोड़ी है टूट जाये रिहान हमारा रिश्ता इतना कमजोर हमारा इश्क़ थोड़ी है Vijaya Singh Shizuka