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उलझ जाता हु जब में उलझन भरी रहो पे, बड़ा सुकून मिलत

उलझ जाता हु जब में उलझन भरी रहो पे, बड़ा सुकून मिलता है जब आ जाता हूं, अपनी कवी की बाहों पे
उलझ जाता हु जब में उलझन भरी रहो पे, बड़ा सुकून मिलता है जब आ जाता हूं, अपनी कवी की बाहों पे