जिंदगी का फ़साना बस एक किस्से में कि मोहब्बत थी ही नहीं हमारे हिस्से में दिल नाकाम रहा ताउम्र दुनियादारी से कोई फिर कैसे कहे हमें अपना ऐसे में तुम्हारी याद के आखिरी सरमाये हैं ये संभाल के रखे हैं जो सारे खत बक्से में थकी थकी सी आँखें बुझा बुझा चेहरा जैसे किसी और को देखता हूँ आईने में #NojotoQuote मोहब्बत थी ही नहीं हमारे हिस्से में