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हमें दुनिया फकत कागज का इक टुकड़ा समझती है पतंगों

हमें दुनिया फकत कागज का इक टुकड़ा समझती है 
पतंगों में अगर ढल जाएँ हम तो आसमाँ छू लें

मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई हो ....

©लेखक हरिश्चंद्र कहार
  #makarsakranti patangotsava