तूँ कितनी है सहनशील सहती जातीं है । कठ़िन- तपस्या शूलों पर करती जाती है ।। बिन -तेरे विन्यास असंम्भव है जीवन का । फिर क्यों?इतनी अग्नि-परीक्षा ली जाती है ।। #yqbaba #yqdidi #feminism तूँ कितनी है सहनशील सहती जातीं है । कठ़िन- तपस्या शूलों पर करती जाती है ।। बिन -तेरे विन्यास असंम्भव है जीवन का । फिर क्यों?इतनी अग्नि-परीक्षा ली जाती है ।।