"बात" ही तो थी बनते बनते बिगड़ गयी, और बिगड़ते बिगड़ते बन गयी ।।। ©Muhammad Safar (M.S Baba) "बाते" बनते बनते बिगड़ती है और बिगड़ते बिगड़ते बनती है ।।।