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लड़कियां जब सुबक रही होती है घर के किसी अंधेरे कोन

लड़कियां 
जब सुबक रही होती है
घर के किसी अंधेरे कोने में
वास्तव में वो रोती नहीं रहती
दफ्न करती रहती है
हजारो खिलखिलाते सपनो को
गला घोंट रही होती है
अनगिनत उम्मीदों को
लड़कियां जब सुबकती है 
घर के किसी अंधेरे कोने में
भूलते रहती है अपने प्रेम को
खोते रहती है ,बचपने को
जो अबतक भरा हुआ था
उसके अंतर्मन में
वर्षो से #रोती हुई लड़कियां #mypoem #हैप्पीउज्जवल
लड़कियां 
जब सुबक रही होती है
घर के किसी अंधेरे कोने में
वास्तव में वो रोती नहीं रहती
दफ्न करती रहती है
हजारो खिलखिलाते सपनो को
गला घोंट रही होती है
अनगिनत उम्मीदों को
लड़कियां जब सुबकती है 
घर के किसी अंधेरे कोने में
भूलते रहती है अपने प्रेम को
खोते रहती है ,बचपने को
जो अबतक भरा हुआ था
उसके अंतर्मन में
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