मंजिल भी तुम रास्ता भी तुम हो उम्मीद भी तुम हो आस भी तुम हो कैसे कहूंँ इश्क़ भी तुम जुनून भी तुम हो मेरी हर एहसास हर बात में तुम हो ख़्वाब भी तुम मेरी हकीकत तुम हो मैं ज़िन्दगी तेरा तू जिंदगानी मेरी मैं दिल तेरा तू धड़कन मेरी मैं जिस्म तेरा तू मेरी रूह मैं इश्क़ तेरा तू आशिकी मेरी कैसे जीऊंँ तुम बिन अब जिया ना जाए तेरे बिन बन जाएं दोनों जिस्म एक जान हम इतनी सी ख्वाहिश बस तेरे संग दिल्लगी उम्र भर जिंदगी अपनी बितानी है।। ♥️ Challenge-680 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।