ज़िन्दगी, तू जरा तेज चला कर हमसे नहीं हमारे जज़्बातो से डरा कर गुम हों जाएंगे अँधेरे में सब सितारे भी रौशनी फीकी होने तक तो साथ चला कर । खुशियाँ कीमती हैँ छुपा के चला कर, बाजार तेरा नहीं है, अपनी कीमत लगा के चला कर, मैंने देखे हैं हरे पेड़ों को गिरते हुए चन्दन जब जड़े मजबूत ना हों तो ज़रा पाऊं दबा के चला कर । काली रातों में मुस्कुरा के चला कर वो अँधेरे में आती थी मिलने इसलिए तू अँधेरे से मिला कर, ज़िन्दगी उजालों में कट जाए तो आँखे भर जाती हैं, तू दिन की तलाश में अंधेरों से लड़ के चला कर। ©Chandan Sharma Lost Without You #findyourself