वों डबल चोटी और लाल बिंदी लगाकर उसका स्कुल आना याद मुझे सब आज भी हैं,लंँच में गोलगप्पे खाना और लास्ट में एक टिक्की के लिए लड़ना निगाहों में सब आज भी हैं,यूँ तो अर्शों बित गये उससे बाते किये पर हमारे ईश्क का चर्चा उसके मुहल्ले में आज भी हैं। #dabble choti aur lal bindi