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थक जाओ तो मेरे कांधे पर सिर रख सो जाना, क्या सोचेग

थक जाओ तो मेरे कांधे पर सिर रख सो जाना,
क्या सोचेगा जमाना,इससे ना घबराना
निगाहें गड़ाते रहेंगे लोग चार,
क्या फर्क पड़ता है,बातें बनने दो हजार ।
..#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR थक जाओ तो मेरे कांधे पर सिर रख सो जाना,
क्या सोचेगा जमाना,इससे ना घबराना
निगाहें गड़ाते रहेंगे लोग चार,
क्या फर्क पड़ता है,बातें बनने दो हजार ।
..#जलज कुमार
थक जाओ तो मेरे कांधे पर सिर रख सो जाना,
क्या सोचेगा जमाना,इससे ना घबराना
निगाहें गड़ाते रहेंगे लोग चार,
क्या फर्क पड़ता है,बातें बनने दो हजार ।
..#जलज कुमार

©JALAJ KUMAR RATHOUR थक जाओ तो मेरे कांधे पर सिर रख सो जाना,
क्या सोचेगा जमाना,इससे ना घबराना
निगाहें गड़ाते रहेंगे लोग चार,
क्या फर्क पड़ता है,बातें बनने दो हजार ।
..#जलज कुमार