मोहब्बत की आरजू में हमने तुम्हें अपने दिल में बसाया है। साथ उन ख़्वाबों में हो तुम हमारे जो तुम्हारे लिए सजाया है। भरोसा नहीं है हमें दुनिया वालों के रीति-रिवाजों व रस्मों पर, धोखा न दोगे तुम हमें बड़ी मुश्किलों से खुद को यकीन दिलाया है। हर ख्वाहिश तुम से ही जोड़ ली है हर उम्मीद भी तुम्हीं ने जगाई है। मेरे यकीन पर यकीन बनाए रखना तुम्हारे यकीन पर दुनियां सजाई है। 🎀 Challenge-429 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 पिन पोस्ट 📌 पर दिए गए नियमों एवं निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने शब्दों में अपनी रचना लिखिए। 🎀 कोरा काग़ज़ समूह की पोस्ट नोटिफ़िकेशन्स ज़रूर 🔔 ON रखिए। जिससे आपको कोरा काग़ज़ पर होने वाली प्रतियोगिताओं की जानकारी मिलती रहे। 🎀 कोरा काग़ज़ पर प्रतिदिन दोपहर 3 बजे "मस्ती की पाठशाला" होती है और शाम 5 बजे "उर्दू की पाठशाला" होती है। आना न भूलना।